उ.प. मदरसा के 17 लाख छात्रों को राहत. जानें- सुप्रीम कोर्ट ने HC के फैसले पर क्यों लगाई रोक, क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
सुप्रीम कोर्ट ने उ.प. सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है. जुलाई के दूसरे हफ्ते में इस मामले पर सुनवाई होगी और तब तक हाईकोर्ट के फैसले पर रोक रहेगी. यूपी के 16000 मदरसों के 17 लाख छात्रों के लिए यह बड़ी राहत की बात है. फिलहाल 2004 के कानून के तहत मदरसों में पढ़ाई चलती रहेगी.नई दिल्ली :उत्तर प्रदेश मदरसा एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हाईकोर्ट ने मदरसा एक्ट के प्रावधानों को समझने में भूल की है. हाई कोर्ट का ये मानना कि ये एक्ट धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है,ग़लतहै.”इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक करार दिए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. उत्तर प्रदेश मदरसा एक्ट को रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मदरसा बोर्ड की तरफ से वक्ता ने कहा कि हाईकोर्ट का अधिकार नहीं बनता कि इस एक्ट को रद्द करे.17 लाख छात्र इस फैसले से प्रभावित हुए हैं. वहीं, करीब 25000 मदरसे प्रभावित हुए हैं. ये लगभग 125 साल पुराना है, 1908 से मदरसा रजिस्टर हो रहे हैं. हाईकोर्ट ने मदरसा एक्ट के प्रावधानों को समझने में भूल की”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हाईकोर्ट ने मदरसा एक्ट के प्रावधानों को समझने में भूल की है. हाई कोर्ट का ये मानना कि ये एक्ट धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है, ग़लत है.” सुपीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओ पर केंद्र, यूपी सरकार, यूपी मदरसा एजुकेशन बोर्ड को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने यूपी और केंद्र सरकार को 31 मई तक जवाब दखिल करने को कहा है.

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