दिनाँक: 26/12/2025, बिलासपुर छत्तीसगढ़ : में अवैध घुसपैठियों एवं अप्रवासियों की तलाश के नाम पर रायपुर के मुख्यतः मुस्लिम बहुल इलाकों में की गई ताबड़तोड़ पुलिस दबिश अत्यंत अमानवीय, पक्षपातपूर्ण और संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है। इस कार्रवाई के दौरान घरों में सो रहे निर्दोष नागरिकों को बेरहमी से उठाया गया, महिलाओं, बुजुर्गों और मासूम बच्चों तक के साथ अमर्यादित व्यवहार किया गया, जिससे पूरे मुस्लिम समाज में गहरा आक्रोश का वातावरण उत्पन्न हुआ।
रज़ा यूनिटी फाउंडेशन ने कहा की उनका मानना है कि किसी भी समुदाय विशेष को निशाना बनाकर इस प्रकार की कार्रवाई लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून, शासन और सामाजिक सौहार्द के विरुद्ध है। बिना उचित नोटिस, वारंट एवं पारदर्शी प्रक्रिया के की गई यह कार्रवाई पुलिसिया दमन की श्रेणी में आती है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
अतः रज़ा यूनिटी फाउंडेशन यह निंदा प्रस्ताव पारित करता है और निम्नलिखित मांगें करता है—
1. रायपुर में की गई उक्त पुलिस कार्रवाई की उच्चस्तरीय, निष्पक्ष न्यायिक जाँच कराई जाए।
2. निर्दोष नागरिकों, महिलाओं, बुजुर्गों एवं बच्चों के साथ किए गए दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
3. भविष्य में किसी भी समुदाय विशेष को लक्षित कर इस प्रकार की कार्रवाई न हो, इसके लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएँ।
4. पीड़ित परिवारों को मानसिक उत्पीड़न और अपमान के लिए उचित मुआवज़ा दिया जाए एवं पीड़ितों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी जाए।
रज़ा यूनिटी फाउंडेशन स्पष्ट करता है कि वह संविधान, कानून और देश की एकता में पूर्ण विश्वास रखता है, किंतु किसी भी समुदाय के साथ होने वाले अन्याय, दमन और भेदभाव के विरुद्ध लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक तरीके से संघर्ष करता रहेगा।
यह निंदा प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया जाता है।
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Source By
रज़ा यूनिटी फाउंडेशन
छत्तीसगढ़/ कार्यालय तैबा चौक तालापारा रोड ज़िला बिलासपुर छत्तीसगढ़


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