जिले में कानून व्यवस्था और त्योहारों की तैयारियों को लेकर कलेक्टर और एसपी की संयुक्त बैठक – अवैध सड़क जाम और सरकारी कार्यालयों में हुड़दंग पर होगी कड़ी कार्रवाई

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जिले में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने एवं आगामी त्योहारों की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन एवं पुलिस की आज एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। 

बैठक के दौरान अधिकारियों ने त्योहारों के दौरान नागरिकों की सुरक्षा, सुविधा और आपसी सौहार्द को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए विस्तृत रणनीति पर चर्चा की।


जिला कलेक्टर गोपाल वर्मा ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की पहली जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में सतर्क रहें और विशेष रूप से संवेदनशील इलाकों पर नजर रखें। किसी भी प्रकार की अफवाह, अप्रिय घटना या साम्प्रदायिक तनाव को रोकने के लिए लगातार निगरानी रखने की आवश्यकता है। कलेक्टर ने आगे यह भी कहा कि त्योहारों पर भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने, बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान देने और आपात स्थिति से निपटने के लिए समुचित प्रबंध करने होंगे।


पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि त्योहारों पर शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस का दायित्व है। उन्होंने बताया कि इसके लिए पुलिस बल को पहले से ही संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। साथ ही भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर पैदल गश्त, पेट्रोलिंग और सीसीटीवी मॉनिटरिंग को बढ़ाया जाएगा। यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए पुलिस विभाग ने विशेष योजना बनाई है, ताकि जाम या अव्यवस्था जैसी समस्याएँ उत्पन्न न हों। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि त्योहार साम्प्रदायिक सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक हैं, इसलिए सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा, ताकि नागरिक निर्भीक होकर त्योहारों को उल्लासपूर्वक मना सकें।


बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिले में अक्सर मांगों के समर्थन में लोग धरना प्रदर्शन के दौरान सड़क जाम या चक्का जाम जैसी अवैध गतिविधियाँ करते हैं, जिससे आम जनता को असुविधा होती है और कानून व्यवस्था प्रभावित होती है। अब से ऐसे किसी भी अवैध सड़क जाम या चक्का जाम करने वालों के विरुद्ध संबंधित धाराओं में FIR दर्ज की जाएगी। साथ ही यह भी साफ कर दिया गया कि कोई भी व्यक्ति यदि किसी शासकीय कार्यालय में जबरन घुसकर, अवैधानिक तरीके से धरना देगा, कार्यालयीन कार्य में बाधा डालेगा या हुड़दंग मचाएगा, तो उसके खिलाफ भी कठोरतम कार्रवाई की जाएगी और कानून के तहत दंडनीय अपराध दर्ज होगा। प्रशासन और पुलिस ने स्पष्ट किया कि शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखना सभी का अधिकार है, लेकिन सरकारी दफ्तरों के कामकाज को ठप करना, कर्मचारियों को डराना-धमकाना या कार्य बाधित करना किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।


कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त रूप से नागरिकों से अपील की कि वे त्योहारों को आपसी भाईचारे और सौहार्द के साथ मनाएँ, अफवाहों से दूर रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि या अव्यवस्था की सूचना तुरंत प्रशासन या पुलिस को दें, ताकि त्योहार शांति और सुरक्षा के माहौल में संपन्न हो सकें।

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